घटती जमीन के दौर में किसानों के लिए बेहतर विकल्प है वर्टिकल फार्मिंग यानी खड़ी खेती कम पानी थोड़ी लागत मेहनत और एक एकड़ जमीन पर 100 एकड़ के बराबर उपज किसान तीन तरह से कर सकते हैं खड़ी खेती यानी वर्टिकल फार्मिंग समझे कैसे वर्टिकल फार्मिंग ऐसी खेती जो आज के दौर में फायदे का सौदा मान मानी जाती है
इसीलिए क्योंकि इसमें आप एक एकड़ जमीन पर वर्टिकल फार्मिंग करके 100 एकड़ जमीन के बराबर की उपज पा सकते हैं यानी एक एकड़ जमीन आपके लिए वर्टिकल फार्मिंग में 100 एकड़ भूमि का काम करती है जिसमें वर्टिकली खड़ी की गई मल्टीपल लेयर्स में यह खड़ी खेती करके आप अच्छा लाभ ले सकते हैं
कम पानी सीमित फर्टिलाइजर्स के साथ कीट पतंगे मौसम की मार के डर के बिना किसान इस खेती को करके अच्छी आमदनी पा सकते हैं वर्टिकल फार्मिंग अर्बन एरिया के लिए एक बेहतर विकल्प है और इस खड़ी खेती से मिलने वाला उत्पाद सामान्य उत्पाद से ज्यादा पोस्टिक भी होता है इसमें भी कोई दोराय नहीं क्योंकि इसमें आप पूरी तरह जैविक और केमिकल फर्टिलाइजर मुक्त फल सब्जियां पा सकते हैं
वर्टिकल फार्मिंग तीन तरीके से की जाती है हाइड्रोपोनिक्स एक्वापोलिस और एरोपोर्न क्स में पौधों को बिना मिट्टी के उगाया जाता है या सिर्फ पानी में पौधों को पोषक तत्व घोल के माध्यम से दिए जाते हैं हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती में पारंपरिक खेती के मुकाबले 95 फीसद कम पानी लगता है और पारंपरिक खेती से 11 गुना ज्यादा उपज मिलती है हाइड्रोपोनिक जो टेक्नोलॉजी है
उसमें हम लोग सिर्फ पानी के इस्तेमाल से पौधों को ग्रो करते हैं इसमें मिट्टी का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं होता है और दूसरा मेन बेनिफिट ये है कि हम लोग इसको कंट्रोल्ड एनवायरमेंट में ग्रो करते हैं जिसमें हम लोग टेंपरेचर ह्यूमिडिटी ये सब वगैरह कंट्रोल करते हैं इसकी वजह से हम लोगों को वेदर के ऊपर डिपेंड रहने की जरूरत नहीं रहती है इसका अर दूसरा बेनिफिट यह रहता है कि हम लोगों को पेस्ट मैनेजमेंट करना काफी आसान हो जाता है
बिकॉज ऑफ दैट हम लोग पेस्टिसाइड फ्री हेल्दी वेजिटेबल्स ग्रो कर सकते हैं हाइड्रोपोनिक्स के यह सब बेनिफिट के कारण मैं लोगों को बोलूंगा कि हम लोगों को ये टेक्नोलॉजी अडॉप्ट करना चाहिए और काफी सारे लोग को हाइड्रोपोनिक टेक्नोलॉजी यूज करके वेजिटेबल्स ग्रो करने चाहिए क्योंकि लेट्यूस हेल्दी रहता है इसका मार्केट डिमांड काफी बढ़ रहा है बट प्रोडक्शन उतना ज्यादा नहीं हो रहा है तो मैं आपको एडवाइस करूंगा कि अगर आप हाइड्रोपोनिक फार्म सेटअप कर रहे हैं !
तो आप लेट्यूस ग्रो करें और आपका कॉस्ट कम करने के लिए आप जितना लार्ज स्केल में करेंगे उतना बेहतर होगा ! क्योंकि लेट्यूस रेट पर केजी में बिकता है , तो आपका जो इनिशियल कॉस्ट होगा वो करीब डेढ़ से दो साल के अंदर रिकवर हो जाएगा हाइड्रोपोनिक्स में आपका जो इनिशियल इन्वेस्टमेंट रहता है ,वो काफी हाई रहता है इसीलिए ऐसे क्रॉप्स ग्रो करना अच्छा रहता है जो जिसकी सेलिंग प्राइस जो है काफी हाई है वो मेनली एग्जॉटिक वेजिटेबल्स होते हैं !
आप हाइड्रोपोनिक्स के इस्तेमाल से बहुत सारे डिफरेंट टाइप के एग्जॉटिक वेजिटेबल्स ग्रो कर सकते हैं, जैसे कि लेट्यूस हो गया फिर बेल पेपर्स अ चेरी टोमेटो जुकनी सिला बेजल यह सब वगैरह हम लोग ग्रो कर सकते हैं ,जिसको सेल करके काफी प्रॉफिटेबल बिजनेस बनाया जा सकता है , दूसरी है एक्वा पोनिक्स जिसमें मछली पालन के साथ-साथ खेती की जाती है,इस तकनीक में मछलियों का मल पौधों के लिए उर् वर्क का काम करता है, और तीसरी है एरोपोर्न जिसमें पौधों की जड़ें हवा में लटकी रहती हैं !
उन्हें स्प्रे के माध्यम से पोषक तत्व दिए जाते हैं खड़ी खेती की इन तीनों ही तकनीकों से किसान साल भर खेती करके मुनाफा ले सकते हैं इसीलिए किसानों के लिए फायदे का सौदा है वर्टिकल फार्मिंग यानी खड़ी खेती जो कम लागत मेहनत में और कम जमीन पर आपको ज्यादा मुनाफा देने में सक्षम है !
khetikare
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