मूली की फसल कच्ची सब्जी के रूप में प्रयोग करने के लिए उगाई जाती है ! इसकी खेती कंद सब्जी के रूप में होती है ! मूली का सेवन ज़्यादातर कच्चे के रूप में होता है , कच्ची मूली का सेवन करने से पेट सम्बंधित समस्याओ से छुटकारा मिलता है ! इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से सलाद के रूप में होता है ! मूली की फसल कम समय और कम लागत में अधिक पैदावार देने वाली फसल है !
इसलिए यह किसानो के लिए अधिक लाभ वाली खेती है ! इसकी फसल को एक ही मौसम में दो बार किया जा सकता है!
मूली की फसल 2 महीने में पककर तैयार हो जाती है , मूली की फसल को आलू, सरसों, गन्ना, मेथी, जो और गेहूं की फसल के साथ भी की जा सकती है !
मूली की खेती में बलुई दोमट मिट्टी की जरुरत होती है, इसके अलावा भूमि अच्छी जल-निकासी वाली होनी चाहिए !
कुछ उन्नत किस्मे
उन्नत किस्मे कुछ इस प्रकार से है पूसा हिमानी, पूसा चेतकी, पूसा देशी, पूसा रेशमी, पूसा चेतकी, पंजाब पसंद, पंजाब अगेती, सकुरा जमा, के एन- 1, जौनपुरी मूली, स्कारलेट ग्लोब इत्यादि है !
फसल बोने के लिए मिट्टी कैसे त्यार करे !
रोपाई से पहले खेत को तैयार करे !इसके लिए सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हेलो से खेत गहरी जुताई करनी चाइए ! ताकि पुरानी फसल के अवशेष अच्छी थ्रे से नष्ट हो जाये ! इसके बाद खेत में गोबर की खात डाले खाद डालने के बाद कल्टीवेटर के माध्यम से 2- 3 तिरछी जुताई कर मिट्टी में खाद को अच्छी तरह से मिला दे ! इसके बाद खेत में पानी लगा कर पलेव कर दे ! इसके बाद खेत को कुछ समय के लिए ऐसे ही खुला छोड़ दे जब खेत की मिट्टी ऊपर से सूखी दिखाई देने लगे तब मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए रोटावेटर का इस्तमाल करे !
मूली की सिंचाई
मूली के बीजो की रोपाई नम भूमि में होती है ! इसलिए पौध रोपाई के तुरंत बाद इसकी पहली सिंचाई होती है , इसके पौधों को सामान्य सिंचाई की ज़रूरत नहीं होती ! यदि इसके बीजो की रोपाई सूखी भूमि में की गई है, तो उस दौरान इसके बीजो को अंकुरित होने तक हल्की सिंचाई की जरूरत होती है | मूली के पौधों की सिंचाई गर्मियों के मौसम में दो से तीन बार होती है , बारिश के मौसम में जरूरत पर ही सिंचाई करनी चाहिए ! ताकि फसल अच्छी बनी रहे !
मूली की खुदाई पैदावार और लाभ
मूली 2 महीने में त्यार हो जाती है ! इसकी छोटी जड़ो की खुदाई एक महीने में बी हो सकती है ! इस दौरान मूली के आकार को देखते हुए इसकी खुदाई कर सकते है | मूली की खुदाई के बाद उन्हें अच्छे से धो कर साफ कर बाज़ार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है !
मूली के एक हेक्टेयर के खेत में तक़रीबन 200 से 250 क्विंटल की पैदावार हो जाती है , मूली का बाज़ारी भाव 3 से 4 रूपए पर किलोग्राम के हिसाब होता है ! जिससे किसान भाई इसकी एक बार की फसल से अच्छा लाभ कमा सकते है !
Khetikare
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