कस्तूरी भिण्डी

कस्तूरी  भिंडी सेहत  के लिए बहुत लाभदायक़ होती  है ! 
कस्तूरी  भिंडी एक बेहद गुणकारी पौधा है. जो कई रोगों में फायदेमंद माना जाता है ! कस्तूरी भिण्डी सरीर को कई रोगों से बचाती है ! 

दुनिया भर मे ऐसे बहुत से पौधे और औषधीयां है, जिनके बारे में हमें शायद ही पता है !

भिण्डी के बारे में तो आप सब को पता है ,लेकिन क्या आप कस्तूरी भिंडी के बारे में जानते हैं.तो चलइयेतो हम आपको  कस्तूरी भिंडी के फायदे बताते है !  कस्तूरी भिंडी हमे कई रोगों से लड़ने में मददगार होने के साथ- साथ ही कई दवाओं और तंबाकू, जर्दा आदि जैसे पदार्थों को बनाने के लिए भी इस्तेमाल होती है !  विज्ञान की भाषा में कस्तूरी भिंडी को एबिलमोस्कसमोस्केटस के नाम से भी जाना जाता है , इसके फूल हल्के पीले रंग के होते हैं , साथ ही इस फसल की खेती आपको लाखों रुपये का लाभ भी कराती है,  इसकी लंबाई करीब 2.5 से 5 फुट की होती है, इसका इस्तेमाल केवल दवाईयां और जर्दा बनाने के ही काम नहीं आता बल्कि खुशबुदार इत्र बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है, साथ ही कई क्रीम और पाउडर बनाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है, यही नहीं इसके बीज को चाय के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है,  कस्तूरी भिंडी के अलांवा इसे विदेशों में एम्ब्रेट के नाम से भी जाना जाता है, मुस्कदाना का इस्तेमाल पेट, फेफड़े और मांसपेशियों जैसे अंगों में आई गंभीर समस्याओं को ठीक करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है, कस्तूरी भिंडी  बीमारियों को ठीक करने में काम आती है!

इसका उपयोग किस परकार होता है ? 
कस्तूरी भिण्डी एक एसा  पौधा है, जिसे कई तरीकों से इस्तेमाल होता है , यह पौधा ज्यादातर हिमालय पर पाया जाता है, हालांकि इसकी खेती भी की जाती है,  इसके बीज का इस्तेमाल चाय बनाने के तौर पर भी किया जाता है, इसका इस्तेमाल गुटखा, तंबाकू और जर्दा जैसे नशीले पदार्थों को बनाने के लिए भी होता है !  इसे कई गंभीर बीमारियों की दवाइयां बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है,कस्तूरी भिण्डी  का प्रयोग सुगंधित तेल बनाने के लिए भी होता है !

कस्तूरी भिण्डी एक जंगली प्रजाति के रूप में पाई जाने वाली फसल है, इसके औषधिय गुण तथा सुगंधित होने के कारण बाजार में इसकी बहुत ज्यादा मांग है ! 

जल वायु कैसी होनी चाइए

 

इसकी खेती भारत के उष्ण क्षेत्रों में होती है ! इसके लिए जलभराव व पालामुक्त क्षेत्र सबसे उपयुक्त होता है !  यह ज़्यादातर बिहार.बंगाल. उत्तर प्रदेश. मध्य प्रदेश.राजस्थान .गुजरात राज्यों में उगाई जाती है !

फसल तयार होने में कितने दिन लगते है !

यह फसल 5 सें 7 महीने  में तयार होती है लगभग 150 से 200 दिन लग  जाते है इसे तयार होने में  !

कटाई

जब फसल पक कर तयार हो जाये इसकी तुड़ाई की जाती है तुड़ाई होने के बाद कस्तूरी भिण्डी को सुका कर इसे पिट कर बीज को निकाला जाता है जिसका उपयोग आगे जाकर अलग अलग रूप में होता है !

थैंक्यू यू

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