ककड़ीं की खेती

ककड़ी एक कद्दू वर्गीय फसल हैं. जो खीरे के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज़्यादा  लोकप्रिय हैं, भारत में इसकी खेती किसान नगदी फसल के रूप में करते हैं, इसकी खेती कम लागत में अच्छा लाभ भी दे सकती है,  भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है, यह भारतीय मूल की फसल है, ककड़ीं  को मुख्य रूप से सलाद और सब्जी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, गर्मियों के मौसम में ककड़ी का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है,  किसान भाई इसकी खेती कर अच्छी कमाई भी करते हैं, यदि वैज्ञानिक विधि से आप इसकी खेती करें तो इसकी खेती से मुनाफा डबल भी हो सकता है,  यदि आप भी ककड़ी की खेती करने का मन बना रहे हैं, तो ककड़ी की खेती कैसे करें तथा ककड़ी की खेती का समय, पैदावार के बारे में संपूर्ण जानकारी  जायेगी , जिसके माध्यम से आप इसकी अच्छी खेती कर इस मौसम में भी अपने खेत से एक अच्छी आमदनी कर पाएंगे !

ककड़ी की खेती  के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे बेहतर हैं, बारिश के मौसम में इसके पौधे ठीक से विकास करते हैं, गर्मियों  के मौसम पैदावार के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता हैं, ठंडी जलवायु फसल के लिए अच्छी नहीं होती हैं,  क्योंकि यह मुख्यत गर्मी की फसल हैं,  अधिक तापमान इसके लिए अच्छा नहीं होता हैं !

सामान्य तौर पर ककड़ी की खेती भारत  के सभी क्षेत्रों में सफलता पूर्वक की जाती हैं, इसकी खेती किसी भी उपजाऊ मिटी  में आसानी से की जा सकती हैं, इसकी  खेती में भूमि जल निकासी वाली होनी चाहिए, जल भराव वाली भूमि में ककड़ी की खेती करनें से बचे !

अधिक मात्रा में पैदावार  प्राप्त करने के लिए इसके खेत को अच्छी तरह से तैयार करना होता है, इसके खेत को अच्छे से तैयार करने के लिए शुरुआत में खेत में मौजूद सभी तरह के घास फूस को नष्ट करे,  जुताई के बाद खेत में पानी चलाकर उसका पले कर दें, पले करने के 3 से 4 दिन बाद जब सतह की मिट्टी हल्की सूखने लगे तब खेत में रोटावेटर चलाकर खेत की अच्छे से जुताई करके मिट्टी भुरभुरी बनाना बहुत अवस्क है, ककड़ी की बीजों की बुवाई समतल ज़मीन में की जाती हैं, इसकी बुवाई कार्य से पहले तैयार खेत में नाली बना दे, और मिट्टी में जब नमी हो तो बुवाई  शुरू कर दे नमी वाली मिट्टी में ही ककड़ी के बीजों का अंकुरण और विकास अच्छा हो सकता हैं !

कुछ अच्छी किस्में

प्रिया, हाइब्रिड- 1, पंत संकर खीरा- 1 और हाइब्रिड- 2 आदि प्रमुख हैं ! कुछ अन्य किस्म जैसे जैनपुरी ककड़ी, पंजाब स्पेशल, दुर्गापुरी ककड़ी आदि ककड़ी की कुछ किस्मे है ! जिनका उपयोग आप सभी किसान भाई कर सकतें हैं ! 

रोपाई 

ककड़ी के बीजों की रोपाई बीज और पौध दोनों ही तरीको से की जाती हैं, बीज के द्वारा रोपाई करने के लिए एक हेक्टेयर के खेत में तकरीबन 2 – 3 kg बीज लगता हैं !

ककड़ी के बीज बोने  से एक महीने पहले खेत को तैयार करते समय कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद 150से 200क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से ककड़ी की खेती से अच्छी उपज के लिए मिट्टी में मिला दे !

सिचाई

ककड़ी की फसल को और फ़सलो  की तुलना अधिक सिंचाई की ज़रूरत नहीं होती,  खेती की बुवाई फरवरी से मार्च महीने में होती हैं, इन महीनों में खेती की नमी के अनुकुल  सिंचाई करनी चाहिए,  पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद होती है ! ककड़ी की फसल में  5 से 7 दिन में  सिंचाई करते  रहना चाइए और बारिश के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए, साथ ही यह ध्यान रखना चाहिए, कि जब फल की तुड़ाई करनी हो उसके दो दिन पहले सिंचाई ज़रूर करे, इससे फल चमकीला, चिकना तथा आकर्षक बना रहता हैं, इसकी खेती करके आप अच्छा लाभ ले सकते है !

Khetikare खेती करे

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धन्यवाद

 

 

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