खीरे की खेती
खीरे की खेती करने की किस्मों की जानकारी
खीरा भारत में एक ऐसी सब्जी है जिसे लोग कच्चा खाना बहुत पसंद करते है, इसकी खपत भी ज्यादा है क्योंकि लोग इसको सलाद के रूप में खाते हैं, ऐसे में आप यदि खीरे की खेती करते हैं तो आपको अच्छा खासा लाभ मिल सकता है, खास बात यह है कि इसकी खेती में ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं होतीं .
लाभ
खीरे की खेती सुनने में जितनी आम लगती है उतनी ही वो मुनाफा कमा कर देती है, खीरे की खेती ज्यादातर दोहरे उद्देश्यों के लिए की जाती है. पहला सब्जी के रूप में और दूसरा सलाद के रूप में, इसकी रोजमर्रे की खपत के चलते बहुत से किसानों ने इसकी कमर्शियल खेती करना शुरू कर दी है, ऐसे में आज हम आपको इसकी बेहतरीन खेती के साथ खीरे की लेटेस्ट किस्मों के बारे में बात करेंगे जिसको उगाने के बाद आपके घर पैसा ही पैसा होगा.
सिंचाई
गर्मी के मौसम में इसे बार-बार सिंचाई की ज़रूरत होती है और बरसात के मौसम में इसे किसी भी सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है..
कुल मिलाकर इसे 12-14 सिंचाई की आवश्यकता होती है..
बुवाई से पहले भी पूर्व-सिंचाई की आवश्यकता होती है..
फिर बुवाई के 1-2 दिनों के बाद बाद की सिंचाई की आवश्यकता होती है ..
दूसरी बुवाई के बाद 5-6 दिनों के अंतराल पर फसलों की सिंचाई करें
इस फसल के लिए सिचाई बहूत महत्वपूरण होती है,
कटाई
बुवाई के बाद लगभग 44- 50 दिनों में उपज देने लगता हैं, कटाई मुख्य रूप से तब की जाती है जब खीरे नरम, फल हरे और युवा होते हैं. कटाई तेज चाकू या किसी नुकीली चीज से की जाती है. यह औसतन 30-40 क्विंटल प्रति एकड़ उपज देता है !
खीरा की खेती की किस्में
खीरे की खेती की उन्नत किसानों में पंजाब खीरा-1, पूसा उदय, पूसा बरखा, वी. पॉइन्सेट, स्वर्ण पूर्णा, स्वर्ण शीतल, स्वर्ण अगेती, पंत खीरा-1, पूना खीरा, हिमांगी, खिरान-75. खिरान-90 और पंजाब नवीन शामिल हैं .!
Khetikare
Thank You