Papaya ki kheti, पपीता की खेती केसे करे
पपीता की खेती भारत में की जाने वाली फलों की खेती मे महत्वपूर्ण खेती होती है क्युकी य़ह फल ज्यादा उपयोग मे आने वाला फल है लगभग पूरे भारत मे इसकी खेती की जा सकती है पपीता मे भरपूर मात्रा मे विटामिन ए मिलता है जिन लोगों को कब्ज की समस्या है उनके लिए य़ह फल बहुत महत्वपूर्ण है पपीता एक निरोगी फल होता है जिससे भूख ज्यादा लगती है बीमारी के समय डॉक्टर भी पपीता खाने को बोलते हैं
कच्चा पपीता सब्जी बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है
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सबसे महत्वपूर्ण बात की पपीता के बीज तो दवाई बनाने के लिए भी प्रयोग होते हैं इसके अलावा इसका प्रयोग मास को मुलायम बनाने, सोंदर्य समान बनाने के लिए लिए प्रयोग किया जाता है पपीता मे प्रोटीन, वसा, carbohydrate, calcium, phosphorus, iron प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है
भारत मे कहा होती है papaya ki kheti :-
अपने भारत मे गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मिजोरम, असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि इलाक़ों मे पपीता की खेती ज्यादा होती है लेकिन पिछले कुछ सालों से नए किस्म आने के बाद पूरे भारत मे इसकी खेती की जाती है
पपीता की खेती की उन्नत किस्म :-
C.O – 1,CO-2,CO-3,CO-4,पूसा जायंट, पूसा dwarf, पंत पपीता, वॉशिंग्टन, हनीडयू, पूसा मजिसट, रेड फरेस्ट, रांची आदि इसकी मुख्य किस्म है
Papaya ki kheti के लिए मिट्टी, जलवायु :-
पपीते की खेती के लिए निम्न तापमान सबसे उपयुक्त होता है और उष्णकटिबंधीय जलवायु पौधे के लिए महत्वपूर्ण होती है य़ह पौधा गर्मी मे भी उगाया जा सकता है लेकिन इसके लिए निम्न तापमान (38c)उपयुक्त है न्यूनतम तापमान 5c तक होना चाहिए इसके लिए ज्यादा पानी और क्षार मिट्टी नहीं होनी चाहिए PH मान 6.5-7.5 तक होना चाहिए हल्की दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त है
Papaya ki kheti का समय:-
पपीते की खेती पूरे सालभर की जा सकती है लेकिन इसके लिए सबसे बढ़िया समय फ़रवरी – मार्च या October के बीच का समय सही है अगर आप इन महिने मे खेती करते हैं तो ज्यादा उपज प्राप्त होती है
Papaya ki kheti के लिए पौध केसे तयार करे :-
पपीता की खेती में पौध तयार करना सबसे महत्वपूर्ण है क्युकी अगर पौध अच्छी होगी तो अछा उत्पादन मिल सकता है एक एकड़ की पौध तयार करने के लिए 200 ग्राम बीज की जरूरत होती है वही अगर एक hectar के लिए 500 ग्राम बीज की जरूरत होती है बीज एक दम सूखा हुआ नमी मुक्त होना चाहिए , ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए बीज डालने से पहले बीज का किसी दवाई के साथ उपचार जरूर कर लेना चाहिए
जमीन की क्यारी बना ले जमीन से 3-4 इंच तक ऊंची होनी चाहिए इसमे आप उपयुक्तत मात्रा में गोबर की खाद डाल दे पौध के लिए तेज धूप और अधिक छाया वाला एरिया नहीं होना चाहिए
खाद और उर्वरक :-
पौध लगाने के 6-7 महिने बाद हर एक पौधे को खाद देना चाहिए जिसमें 140-190 ग्राम नाइट्रोजन, 200-240 ग्राम phosphorus, 100-140 ग्राम potassium, ये सभी उर्वरक 2-3 बार पौधे लगाने के बाद और पहले देने चाहिए
Papaya ki kheti में सिंचाई :-
पपीता को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती लेकिन फिर भी पानी की कमी नहीं होनी चाहिए सर्दी के समय मे 12-15 दिन के अन्तराल पर और गर्मी मे 6-8 दिन के अन्तराल पर पानी देना चाहिए जिस खेत मे पौधे लगाने है वहाँ से खरपतवार को हटा देना चाहिए क्युकी ज्यादा खरपतवार मे पौधा की ग्रोथ रुक जाएगी
पौधे को केसे लगाए :-
पपीता का पौधा 100 दिन मे तयारी हो जाती है नर फूल निकलने शुरू हो जाते हैं आपको ध्यान देना है कि हर 20 मादा पौधे के साथ मे एक नर पौधा जरूर लगना चाहिए नर पौधे की पहचान के लिए आपको ध्यान देना h की नर पौधे का फूल 1-1.2 मीटर तक लम्बा होगा और तने पर झूलता मिलेगा
Neemuch mandi bhav नीमच मंडी भाव
पपीता की खेती में उत्पादन :-
2.5 एकड़ के खेत मे अगर 35-40 टन तक का उत्पादन होता है और एक टन की कीमत 1400-1500 रहती है तब भी आपको 330000-350000 रुपये तक का लाभ होगा
बिहार सरकार दे रहीं हैं 75 प्रतिशत की सब्सिडी :-
बिहार सरकार papaya ki kheti को आगे बढ़ाने के लिए सब्सिडी भी दे रहीं हैं एक एकड़ मे कम से कम 25 – 30 हजार रुपये का खर्च होता है जिसमें से 75% सरकार सब्सिडी दे रहीं हैं किसानो को पौधे सरकार के द्वारा दिये जाएगे किसानो को सब्सिडी दो किस्तों मे दी जाएगी
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