Baigan ki kheti बैंगन की खेती की पूरी जानकारी
1.Baigan ki khet का परिचय
2.भूमि, जलवायु, तापमान
3.baigan ki kheti की उन्नत किस्म
4.पौध केसे तयार करनी चाहिए
5.बीज की बुआई
6.खाद व उर्वरक कौन-से डाले
7पौध की रोपाई
8.तुडाई केसे करे
9.रोग से बचाव
Baigan Ki Kheti का परिचय :-
Baigan ki khet पूरे साल की जाने वाली खेती है बैंगन की खेती एक एसी kheti जो एक बार लगाने के बाद लंबे समय तक उपज दे सकती है बैंगन की खेती पूरे साल किसी भी जलवायु मे कि जा सकती है य़ह मुल रूप से भारत मे कि जाती है बैंगन की खेती ज्यादा सख्त होती है इसलिए इसे किसी भी समय उगाया जा सकता यानी जिस क्षेत्रो मे पानी की हो और शुष्क हो वहॉं भी Baigan ki khet की जा सकती है बैंगन की खेती मे भारत का स्थान दूसरे नंबर का है बैंगन की खेती west bengal, orrisa, बिहार, महाराष्ट्र, उप, मे होती है
Pyaj Ki Kheti – प्याज की खेती की पूरी जानकारी हिन्दी में
Baigan ki kheti में उपयुक्त मिट्टी, जलवायु, तापमान :-
Baigan ki khet किसी खास मिट्टी मे नहीं होती इसे किसी भी उपजाऊ मिट्टी मे उगाया जा सकता है लेकिन मिट्टी मे पानी नहीं रुकना चाहिए बैंगन की खेती के लिए मिट्टी का ph5-7 होना चाहिए baigan के पौधे को थोड़े गर्म जलवायु की जरूरत होती है सर्दी का मौसम बैंगन की खेती के लिए उपयुक्त नहीं होता क्युकी सर्दियों मे पड़ने वाला पाला पौधों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है baigan को ज्यादा पानी की आवश्यकता भी नहीं होती बैंगन की खेती मे 25-30 C तक तापमान की jrurt होती है और बारिश 600-1000mm तक होनी चाहिए
Baigan ki kheti की प्रमुख किस्म :-
पंजाब नीलम – इसमे फल लंबे होते हैं इसकी उपज 130-140 क्विंटल तक होती है
पंजाब बरसाती – इसके फल भी लंबे और जामुनी होते हैं इसकी उपज 135-140 क्विंटल तक होती है
पंजाब no. 8 – इसके फल गोल और जामुनी रंग के होते हैं इसकी उपज 130 क्विंटल तक होती है
पंजाब बहार – इसमे फल गोल गहरे जामुनी व कम बीज वाले होते हैं इसकी उपज 190 क्विंटल तक होती है
पंजाब सदाबहार, ph4, pbh5, जामुनी गोई, pbhr-41,pbhr-42,pbh,पंजाब नगीना, bh2, पंजाब बरसाती, पूसा purple, पूसा purple cluster, पूसा hybrid 5,पूसा purple round, pant ऋतुराज कुछ अलग अलग राज्य मे बोई जाने वाले baigan की प्रमुख किस्म है
Baigan ki kheti में पौध केसे तयार करे :–
Baigan ki khet में सबसे जरूरी बात हैं कि सबसे बढ़िया और मजबूत पौध की तयारी केसे करे बैंगन की खेती में पौध फ़रवरी – मार्च मे बीज को पौध के लिए डाल देना चाहिए लेकिन उससे पहले 1-1.5 मीटर लंबी और 3 मीटर चौड़ी क्यारी बना लेनी चाहिए मिट्टी को अच्छे से हल्की कर दे ताकि मिटी मे से हवा पास हो सके उसके बाद उसमे 200-250 ग्राम DAP डाल दे उसके बाद baigan के बीजों का उपचार कर ले और क्यारी मे अच्छे से लगा दे
बीजों को मिट्टी से अंदर कर दे उसके बाद क्यारी पर कपड़े या बोरी डाल दे और उसके ऊपर धान का फूसा डाल दे यदि जमीन मे पानी की कमी है तो ऊपर से पानी का छिड़काव कर दे बैंगन की खेती में पौध 35-40 दिन बाद तयार हो जाती है जब पौध खेतों मे लगाए तो उसके 7 दिन पहले से पौध मे पानी ना दे ऐेसे बैंगन की खेती की पौध मजबूत और रोग मुक्त होगी बिजाई से पहले खेत की अच्छे से जुताई कर ले
Baigan ki kheti में बिजाई का सही समय :-
जो पौध October मे लगाई है उसे खेत मे नवंबर में बिजाई कर दे, दूसरी जो पौध नवंबर मे बोई है उसे फ़रवरी के पहले हफ्ते में खेत मे लगा दे, तीसरी जब पौध फ़रवरी मे लगाई जाती है तो अप्रैल में पौध खेत मे लगा देनी चाहिए चौथी फ़सल को जुलाई मे पौध तयार करे और अगस्त मे खेत मे लगा दे पौधे के बीच मे 35-40 cm का फैसला होना चाहिए एक एकड़ खेत मे 300-400 ग्राम तक बीज की आवश्यकता पड़ती है बीज का उपचार carbandazim, thiram का प्रयोग करके कर सकते हैं
Baigan ki kheti में खाद और उर्वरक :-
Baigan की अच्छी उपज के लिए खेत मे सड़ी हुई गोबर की खाद डाल दे इसके अलावा फ़सल मे 150 ग्राम नत्रज़न या 260-300 किलो Urea एक hectare में, 60-75 किलो phosphorus, 50-60 किलो पोटाश, ये सभी खाद पार्टी हेक्टर मे बताए गए हैं पौध बुआई के 25 दिन बाद 150 ग्राम DAP और 80 ग्राम पोटाश देकर मिट्टी चड़ा दे
Baigan ki kheti में खरपतवार की रोकथाम :-
नदीने को रोकने के 5-6 बार गुड़ाई कराए इसके अलावा मिट्टी मे फ्लूक्लोरॉलिंन 700-1000 ml प्रति hectare इसके अलावा oxadiazone 400gram प्रति हेक्टर में डाल दे इसके अच्छा रिजल्ट मिला है
Baigan ki kheti में सिंचाई :-
बैंगन के खेत मे गर्मियों मे पानी की ज्यादा आवश्यकता ज्यादा होती है इसलिए baigan के खेत मे 3-4 दिन के अन्तराल पर पानी देना चाहिए खेत मे पानी सुबह या श्याम के वक्त दे क्युकी दिन मे पानी गरम होने से पौध को नुकसान पहुँचा सकता है
Baigan ki kheti में पौधे की देखभाल :-
फल और साख का कीट रोग इसमे गुलाबी सूंडी पौधे की गोब को खा जाती है
चेपा रोग इस रोग मे कीट पौधे के पत्तों को रस चुस्ती हैं
थ्रीप रोग, मकोड़ा जुए रोग, पता खाने वाली सूंडी, जड़ों मे गांठ, उखेड़ा रोग, झुलस रोग या फल गलना रोग, पतों का छोटा होना रोग, चित क़ब्रा रोग सूखा रोग, आदि कुछ बैंगन की खेती मे होने वाले रोग है
Baigan ki kheti में तूडाई :-
बैंगन के फल जब चमकदार होते हैं तब उनकी तूडाई की जाती है अगर सही समय पर फल नहीं तोड़ा जाता तो फल का रंग खराब हो जाता है इसमें उपस्थित बीज बड़े हो जाते हैं और फ़सल का सही दाम नहीं मिल पाता तूडाई
के बाद अच्छी क्वालिटी के फल को अलग टोकरी मे पैक करके भेजना चाहिए
Baigan के खेत मे एक हेक्टर में 200-600 क्विंटल तक की उपज मिल सकती है मंडियों मे अगर भाव 9-10 रुपये भी मिलता है तो किसान 2 लाख रुपये आसानी से कमा सकता है
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