Aaj ka mandi bhav mandi bhav rajasthan
Sirsa_Mandi_Bhav
Narma 8000-11800.
Sarson 5900-6550.
Guwar 5000-5351.
Wheat 1940-2020.
Elenabad_Mandi_Bhav aaj ka mandi bhav
Narma 🌥️l 8000-11400.
Sarson 5900-6725.
Guwar 4200-5300.
Chana 4100-4580.
Wheat 1911-2000.
Taramira 5000-5150.
गंगानगर मंडी भाव
मूंग : 4700 से 5870
मिल दड़ा : 1970 से 2025
ग्वार नया : 5225 से 5421
ग्वार : 5100 से 5534
नरमा : 11800 से 11800
गेहू : 1925 से 2595
सरसों : 5950 से 6425
चना : 4225 से 4440
जौ : 2525 से 2892
Adampur_Mandi_Bhav aaj ka mandi bhav
Narma 9000-11501.
Sarson 6000-6507.
Guwar 4900-5422.
NEEMUCH Mandi Bhav aaj ka mandi bhav
गेहूं 2015—2370
मक्का 2069—2122
उड़द 2500–6800
चना- 3501—4358
सोयाबीन 5950 —7303
रायड़ा 5851—6415
मूंगफली 3500—6000
एवरेज माल 84000—110000
मैथी 3900—6651
अलसी 5700—6575
धनिया 8151—11880
अजवाईन 4000 — 11500
इसबगोल 11690—14990
बेस्ट माल 19500—30200
लहसुन (आवक 6000 बोटी)
1750–3700–8750
जौ 2660—2780
मसूर 5150—6463
प्याज 301–600–940
चना डालर 5300— 8610
देवली मंडी भाव aaj ka mandi bhav
गेहू =1980=2220 जो=2400=2750
चना=3900=4381 मक्का=2100-2200 बाजरा=1900-2000 ज्वार=1800=3100 मसूर=5300=6100 मूंग=5500=6100
तारामीरा=5000=5200 सरसों=5700=6850
सरसों 42%=6800
Aaj ka mandi bhav
निर्यात पर प्रतिबंध से हुआ नुकसान
किसानों को क्षतिपूर्ति में 600 रु क्विंटल बोनस दे सरकार
पिछले सप्ताह केंद्र सरकार द्वारा गेहूं की बढ़ती कीमतों को रोकने के साथ ही खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया। केंद्र का यह फैसला राष्ट्रीय हितों को देखते हुए सही हो सकता है, लेकिन सरकार के इस निर्णय के तुरंत बाद गेहूं की कीमतों में 200 -300 रुपए /क्विंटल की गिरावट आ गई,जो अब भी जारी है। किसानों को हो रहे इस नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा किसानों को क्षतिपूर्ति के रूप में 600 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस आकस्मिक निर्णय से गेहूं उत्पादक राज्य मप्र के किसानों को बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है । पहली बार किसानों को मंडियों में समर्थन मूल्य से कहीं अधिक कीमत मिली तो अधिकांश किसानों ने उपार्जन केंद्रों पर गेहूं बेचने में रूचि नहीं दिखाई। अब बदले हालातों में यदि मंडियों में गेहूं इससे कम दाम पर बिका तो किसान उपार्जन केंद्रों का रुख कर सकते हैं। सरकार के इस फैसले से न केवल किसान बल्कि अनाज व्यापारी भी नाराज है। किसानों के साथ ही व्यापारियों ने भी अपनी इस नाराजी को गत दिनों प्रदेश की मंडियों में दो दिन अनाज की खरीदी बंद कर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के रूप में किया था।
Aaj ka mandi bhav
उल्लेखनीय है कि दशकों बाद किसानों को गेहूं का सम्मानजनक दाम मिल रहा था। बीते सप्ताह तक खुले बाज़ार में गेहूं समर्थन मूल्य से 200 -500 रु तक ऊपर बिक रहा था। इसी कारण किसान उपार्जन केंद्रों पर गेहूं नहीं बेच रहे थे ,लेकिन जैसे ही गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा हुई मंडियों गेहूं के दामों में 200-300 रुपए /क्विंटल तक की गिरावट आ गई।
इससे किसानों को बहुत आर्थिक नुकसान हुआ। अभी भी किसान मंडी में गेहूं लेकर आ रहे हैं ,लेकिन भाव पहले जैसे नहीं मिलने से निराश हैं। ऐसे में किसानों को हुए नुकसान को देखते हुए सरकार को गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से दामों में आई गिरावट की क्षतिपूर्ति के लिए किसानों को 500 – 600 रु /क्विंटल बोनस देना समय की मांग है। बीते वर्षों में राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य के साथ किसानों को अलग से 100 -150 रु /क्विंटल का बोनस दिया गया था।
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दूसरी तरफ व्यापारियों द्वारा गेहूं की ऊँची कीमतों पर खरीदी के बाद निर्यात के सौदे ज़्यादा होने से गेहूं से बने उत्पादों आटा,ब्रेड, बिस्किट के दामों में बढ़ती तेजी को देखकर सरकार सतर्क हो गई और खाद्य सुरक्षा के तहत तत्काल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। खुले बाज़ार में किसानों को होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी को भी 31 मई तक बढ़ा दिया है , ताकि वे अपने गेहूं उपार्जन केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर बेच सकें। लेकिन उपार्जन केंद्रों पर भी किसानों की राह आसान नहीं है।गेहूं बेचने आए किसानों को वहां कई तरह के नियम बताकर परेशान किया जाता है।