Aaj ka mandi bhav mandi bhav rajasthan 30-05-2022
सूरतगढ मंडी भाव
सरसो आवक 500 भाव 6320 रुपये
बिनोला 3950से 4000 रुपये
Dholpur mandi bhav
sarso आवक 1000 भाव 6300 रुपये
bajra आवक 100 भाव 2060 रुपये
wheet आवक 300 बोरी भाव 2050 रुपये
Rewari Mandi bhav Aaj ka mandi bhav
Sarso आवक 3500@ भाव 6000-6650
रावतसर
ग्वार आवक 110 भाव 5500 से 5611
Nagaur mandi bhav Aaj ka mandi bhav
Guar आवक 25 भाव 5550
Moong आवक 100 भाव 5925
Sarsoo आवक 250 भाव 6250
Taramira आवक 100 भाव 5250
Jeera आवक 800 कट्टे भाव 21500
Esabgol आवक 500 कट्टे 14520
Sᗩᗪᑌᒪ Sᕼᗩᕼᗩᖇ mandi bhav
सरसो आवक 700 भाव 5740 से 6237
जौ आवक 300 किवb2300 से 2614
गेहूं आवक 800 किव भाव 1900 से 2081
तारामिरा भाव 5200 रुपये
गुवार 50 किव 5100 से 5449 रुपये
भट्टू मंडी भाव
सरसों आवक 350 भाव 6280 रुपये
गुवार आवक 25 भाव 5285 रुपये
गोलूवाला मंडी भाव Aaj ka mandi bhav
ग्वार-5255-5800/-18-कि.*
चना-4481 रुपये
गेहू-1850-2065 रुपये
जौ-2332-2499 रुपये
तारामीरा-5000 रुपये
सरसों-5500-6125/-6736 रुपये
Sirsa_Mandi_Bhav
Narma 8000-11800.
Wheat 2015-2020-2025.
Elenabad_Mandi_Bhav Aaj ka mandi bhav
Narma 9000-11700.
Sarson 5700-6351.
Guwar 5100-5400.
Chana 4100-4450.
Barley 2250-2321.
Rawala Mandi Aaj ka mandi bhav
guar आवक 20 भाव 5550 to 5670
chana आवक 10 भाव 4550
गेहू आवक 150 भाव 1900 to 2040
sarso आवक 800 भाव 5800 to 6355
श्रीविजयनगर मण्डी के भाव Aaj ka mandi bhav
सरसों 6326/5500
जो=2430/2345
गेंहू=2187/1831
तारामीरा=5200/5165
चना=4461/4450
नोहर मंडी भाव
चना भाव 4450 – 4475
गुवार भाव 5550 – 5800
सरसों भाव 5700 – 6200
अरण्डी भाव 6700 – 7200
मोठ भाव 6600 – 7200
कंनक भाव 1950 – 2020
Bikaner
guar आवक 300 भाव 5000-5691
पदमपुर मंडी भाव
सरसों 5571==6570
चना =4201=4412
गेंहू =1976=2026
जो =2433=2698
ग्वार. =5367=5611
Sri dungarh Aaj ka mandi bhav
guar आवक 100 भाव 5780
chana आवक 500 भाव 4200 – 4900
sarso आवक 400 भाव 5800 – 6150
रायसिंहनगर मंडी भाव Aaj ka mandi bhav
जौ आवक 150 क्विंटल भाव 2250 – 2652
गेहूं आवक 500 क्विंटल भाव 1900-2098
सरसों आवक 1500 भाव 5800 – 6452
चना आवक 200 भाव 4100 – 4395
किसानों के लिए यह सीजन रहा निराशा भरा, कपास को छोड़कर सभी फसलों के भाव रहे नरम, जानिए ताजा रिपोर्ट
जिस तरह हम जानते है की सोयबीन का सीजन अपने अंतिम चरण में आ चुका है. किसानों को उम्मीद लगाए हुए थे कि 10,000 रुपए प्रति क्विंटल तक रेट मिल सकता है. लेकिन कीमत 6,700 रुपए प्रति क्विंटल पर ही पहुँच सकी है. किसानों की मांग है कि कम गुणवत्ता वाले और साधारण सोयाबीन के लिए सिंगल रेट की मांग की जा रही हैं.
बीते वर्ष खरीफ सीजन शुरू होने के साथ ही जब कृषि उत्पादों की आवक हुई, किसानों को रेट कम मिला था, और अब अंतिम चरण के चलते किसान (Farmer) मायूस दिख रहे हैं. पिछले साल खरीफ सोयाबीन, कपास और अन्य उपज की कीमतों में तेजी की उम्मीद थी. परंतु सिर्फ कपास की कीमतें ही बढ़ पाई थी. इसके साथ साथ पूरे सीजन में सोयाबीन (Soybean) के भाव नियंत्रित रहे थे.
हालांकि किसानों का अनुमान था की उत्पादन में कमी के कारण भाव बढ़ेंगे, परंतु उत्पादन में गिरावट के चलते भी कीमत नहीं बढ़ी पाई. वहीं कपास 14,000 प्रति क्विंटल पर बिक चुका है. कपास के उत्पादन में गिरावट आने से किसानों को अंतिम दौर में अच्छा भाव मिला है, लेकिन अन्य उत्पादकों के लिए ऐसा नहीं हो पाया है.
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बीते साल धीमी वृद्धि के चलते खरीफ फसल की दर से अधिक बारिश होने से नुकसान की चर्चा थी. बारिश की वजह सेउत्पादन में गिरावट के साथ साथ कृषि उत्पादों की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई थी, जिसके बाद कपास 6,000 रुपए और सोयाबीन का 4,700 रुपए तक भाव कम हो चुका था. लेकिन किसानों ने फसल बेचने के पहले उसे भंडारित करने पर ध्यान दिया था. दिवाली के बाद से सोयाबीन और कपास की कीमतों में बदलाव हुआ था. लेकिन अब सीजन के आखिरी चरण में सोयाबीन सिर्फ 6,700 रुपए प्रति क्विंटल पर रह गया है और कपास को रिकॉर्ड रेट चल रहा है.
फसल उपज के रेट की क्या है स्थिति?
सोयाबीन, अरहर और चना लातूर आदि फसलों की उपज मंडी में बिकने वाली प्रमुख फसले है. नाफेड ने चना और अरहर के लिए खरीद केंद्र शुरू हुए थे, लेकिन इस साल गारंटी सेंटर और खुले बाजारो के रेट का इतना खास अंतर नही देखा गया था. गारंटी केंद्र पर अरहर की कीमत 6,300 रुपए प्रति क्विंटल और खुले बाजार में 6,000 रुपए प्रति क्विंटल तक है. चने के भाव में बड़ा अंतर देखने को मिला है, खरीद केंद्र पर रेट 5,300 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जबकि खुले बाजार में यह 4,600 रुपये तक बिक रहा है.
इससे साफ पता चलता है कि कपास को छोड़कर अन्य फसलों ने किसानों को निराश किया है.कृषि उपज की कीमतें केंद्र सरकार के निर्णय पर आधारित हैं. इस साल सोयाबीन के भाव में बदलाव तो नहीं देखा गया, लेकिन उम्मीद के अनुसार कीमतों में इजाफा भी नहीं हुआ. इसलिए किसानों ने सोयाबीन का अंत तक भंडारण भी किया है. अब जबकि सोयाबीन सीजन अपने अंतिम चरण में आ चुका है, किसान कम गुणवत्ता वाले और साधारण सोयाबीन के लिए सिंगल रेट की मांग की जा रही हैं. पिछले साल बारिश के कारण सोयाबीन की गुणवत्ता में भी गिरावट दर्ज हुई थी.