सहजन की खेती केसे करे ,सहजन के फायदे आयुर्वेद मे कहा गया अमृत
सहजन का दूसरा नाम मोरीगा भी कहा जाता है इस पेड़ के सभी भागों मे पोषक तत्व पाए जाते हैं सहजन की खेती अभी जायदा लोकप्रिय नहीं हुई लेकिन अभी किसान इससे ज्यादा लाभ कमा रहे हैं यदि अच्छा उत्पादन होता है तो 5-6 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है
सहजन की खेती की भूमि और जलवायु –
इसकी खेती के लिए ना तो ज्यादा गर्म और ना ही ज्यादा ठंड की आवश्यकता होती य़ह 25-30 C पर अच्छी उपज देते हैं ज्यादा गर्मी होने पर इसके पते गिरने लगते हैं ज्यादा सर्दी को य़ह सहन कर लेता है लेकिन ठंड में गिरने वाला पाला इसको नुकसान पहुचाता है य़ह पौधे किसी भी मिट्टी मे उग सकते हैं य़ह बंजर और कम उपजाऊ जमीन पर भी आसानी से उग सकते हैं इनको 6-7 PH की मिट्टी उपयुक्त है
सहजन की खेती के लिए खेत केसे तयार किया –
सहजन की खेती पौधे को गहरे घड़े मे लगाया जाता है आपको खेत अच्छी तरह से बुहाई करनी है उसके बाद गड़ो को भरे उनमे आप गोबर का खाद उचित मात्रा में डाल दे

सहजन (मोरिंगा) की अच्छी पैदावार देने वाली उन्नत किस्में, जानें विशेषताएं
Indian Agri- ODC -3 सहजन की खेती
• इस किस्म की फली गूदादार तथा अधिक स्वादिष्ट होती है।
- 90 दिन में फूल तथा 180 दिन में फलियों की कटाई की जा सकती है।
- प्रत्येक फली का वजन 70 से 80 ग्राम तक होता है।
- फली में 80% तक गूदे की मात्रा पाई जाती है।
- फली की लंबाई 60 से 75 सेंटीमीटर तक हो जाती है। पौधे पर 10 से 12 वर्ष तक फसल की प्राप्ति की जा सकती है।
- प्रत्येक पौधे से प्रतिवर्ष 30 किलोग्राम तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
Indian Agri PKM 2
- सहजन की खेती इस किस्म की फलियां हरी तथा लंबे आकार की होती हैं।
- फली का वजन 250 से 300 ग्राम तक होता है।
- फली में 70% तक गूदे की मात्रा पाई जाती है।
- पौधे पर प्रत्येक वर्ष 220 फलियां तक आती हैं।
- फली की लंबाई 120 सेंटीमीटर तक होती है।
- प्रत्येक वर्ष औसतन पैदावार 40 टन प्रति एकड़ तक प्राप्त हो जाती है।
- खेती जायद सीजन में की जाती है।
Bhunaksha Jharkhand kaise check kare हिन्दी में/bhunaksha Jharkhand.nic.in
Indian Agri – PKM 1
- “इस किस्म की फलियां हरी, स्वादिष्ट तथा मध्यम लंबी होती
- फली की लंबाई 45 से 75 सेंटीमीटर तक होती है। • फली का वजन 70 से 80 ग्राम तक होता है।
- फली में 70% तक गूदे की मात्रा पाई जाती है। 210 दिन में फलियां की पहली तुड़ाई की जा सकती है।
- प्रत्येक पौधे पर प्रतिवर्ष 220 फलियां तक आती हैं।
- पौधे पर 3 वर्ष तक फली की तुड़ाई की जा सकती है। प्रत्येक वर्ष औसतन पैदावार 10 टन प्रति एकड़ तक प्राप्त हो जाती है।
Wellson – PKM
- इस किस्म की फलियां हरी तथा मध्यम लंबी होती हैं। फलियां हरे रंग की परिपक्व होने पर हल्के भूरे रंग की होती हैं।
फली का वजन 70 से 80 ग्राम तक होता है। - फली 50 से 75 सेंटीमीटर तक लंबी होती है।
- फली में 70% तक गूदे की मात्रा पाई जाती है।
- पौधे से 2 से 3 वर्ष तक फलियों की तुड़ाई की जा सकती है।
- प्रत्येक पौधे से प्रतिवर्ष 220 फलियां तक प्राप्त हो जाती
- प्रतिवर्ष औसतन पैदावार 10 टन प्रति एकड़ तक प्राप्त हो जाती है।
SK Organic – ODC
- इस किस्म की फलियां हरी तथा मध्यम आकार की होती हैं। फलियां की पहली तुड़ाई 180 दिन में की जाती है।
- फली का वजन 100 ग्राम तक होता है।
- फली की लंबाई 70 से 85 सेंटीमीटर तक होती है।
- प्रत्येक पौधे से प्रतिवर्ष 200 से 250 फलियां तक प्राप्त हो जाती हैं।
Shree – PKM1
- इस किस्म की फलियां हरी, गूदेदार तथा मध्यम लंबी होती हैं।
- फली की लंबाई 45 से 75 सेंटीमीटर तक होती है। पौधे पर 90 से 100 दिन में फल आना शुरू हो जाते हैं।
- फली का वजन 75 से 80 ग्राम तक हो जाता है। प्रत्येक पौधे से 300 से 400 छड़ें तक निकलती हैं।
- फलियां देरी से पकने पर भी रेशेदार तथा मुलायम होती हैं। पौधे से प्रतिवर्ष 4 मौसम की उपज प्राप्त होती है।
All That Grow – MORINGA
- इस किस्म का गूदा नरम तथा हल्का कड़वा होता है।
- फलियां छोटी हरी तथा गूदा सफेद होता है। फलियों की पहली तुड़ाई 65 से 70 दिन पर की जा सकती
- फली की लंबाई 15 से 18 इंच तक होती है।
- पौधे की ऊंचाई 10 से 12 मीटर तक हो जाती है। • फली का वजन 20 से 25 ग्राम तक होता है।
सहजन की खेती मे सिंचाई –
इसकी खेती मे गर्डो मे उचित मात्रा मे नमी बनी रहनी चाहिए आपको केवल एक बात का ध्यान देना है कि जब फूल आने का समय हो तब ना तो ज्यादा पानी हो नहीं सूखा हो दोनों कारण मे फूल गिर सकते हैं
सहजन की खेती मे उत्पादन –
सहजन साल में दो बार फल देती है इसकी तुडाई फ़रवरी और September में की जाती है सहजन से किसान भाई अच्छा लाभ कमा सकते हैं
सहजन को क्यों कहा गया अमृत –
आप इसे अलग अलग तरीके से खा सकते हैं जेसे कच्चा, पाउडर और जूस के द्वारा आप इसकी पत्ती मे शहद और नीबू डालकर भी पी सकते हैं
य़ह लगभग 300 बीमारियो मे उपयोग किया जाता है इसके सेवन से बीपी कंट्रोल रहता है वजन घटाने मे भी इसका उपयोग किया जाता है सहजन रोग से बचाता है, calcium, पेट दर्द, आँखों के लिए, कान के दर्द मे, पथरी मे, दांतों के कीड़ों मे दिल की बीमारी के लिए इसको रामनवमी कहा गया है
बालों का झड़ना रोकता है पुरषों मे य़ह शक्ति बढ़ाने के काम आता है इसके खाने से कमजोरी दूर होती है